Sunday 19 March 2017

****शोर ****

मन के उजालों से दूर कहीं,
पलकों की चिलमन से
ओझल कोई।
दूर जहाँ तक नजर गई,
है कुछ भी नहीं
बस शोर यही।।
तनुजा

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