आज़ादी का दिन है आया खुशियां चारों ओर वो लाया
हमने आशा का दीप जलाया हर घर है तिरंगा लहराया
आज उड़े आज़ाद परिंदे जैसे. वैसे हर एक दिल मुसकाया
पर वो बेड़ी नज़र ना आती जिसने मेरा दिल दहलाया
आज बेटियों के मान पर अभिमान का ध्वज लहराया
बेटे की है चाह मे किसने बेटी के लहू से नहाया
खेल खिलौने वाले हाथों मे झाडू, हतोडा किसने थमाया
एक किसान जो देता अन्न धान्य उसको मजबूर किसने बनाया
क्या आज़ादी के माने ये है महापुरुषों ने क्या ये पाढ पढ़ाया
देकर अपने शीश की भेंट को शहीदों ने. मान बढ़ाया
पर क्या उनके मान को हमने आज कोई सम्मान दिलाया
सोचें इस भरत पर्व पे हम सब हमने क्या खोया और क्या पाया
और करें संकल्प सभी करेंगी अच्छा जो हमे बुज़ुर्गों ने सिखाया
जय हिंद भारत माता की जय
आज़ादी के इस पवन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामना
तनुजा श्रीवस्तव
हमने आशा का दीप जलाया हर घर है तिरंगा लहराया
आज उड़े आज़ाद परिंदे जैसे. वैसे हर एक दिल मुसकाया
पर वो बेड़ी नज़र ना आती जिसने मेरा दिल दहलाया
आज बेटियों के मान पर अभिमान का ध्वज लहराया
बेटे की है चाह मे किसने बेटी के लहू से नहाया
खेल खिलौने वाले हाथों मे झाडू, हतोडा किसने थमाया
एक किसान जो देता अन्न धान्य उसको मजबूर किसने बनाया
क्या आज़ादी के माने ये है महापुरुषों ने क्या ये पाढ पढ़ाया
देकर अपने शीश की भेंट को शहीदों ने. मान बढ़ाया
पर क्या उनके मान को हमने आज कोई सम्मान दिलाया
सोचें इस भरत पर्व पे हम सब हमने क्या खोया और क्या पाया
और करें संकल्प सभी करेंगी अच्छा जो हमे बुज़ुर्गों ने सिखाया
जय हिंद भारत माता की जय
आज़ादी के इस पवन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामना
तनुजा श्रीवस्तव