हसरतें इतनी न बढ़ा की कदम रुक न सके
ये सोच कुछ कहने से पहेले हम रुक जाते है
आलम ऐ जिक्र न कर की जब गुफ्तगू ना हो
ये ही सोच कर तेरी तरफ खिचे चले आते हैं ..............
 Learn to pronounce एक अंजनबी हसीना से ... झील सी आंखों मे उसकी डूब के यूँ रह गया जुल्फों के साए में कहीं खो गया झीलजैसे चेहरे पर चं...
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