Wednesday 15 July 2015

*************माँ******************

माँ तु है दिल को फ़िर याद आयी
पर देखा आँखें खोल तो तु मेरे मॅन में है मुसकायी
तेरी ममता की छाँव जब से है पायी
धन्य हुआ जीवन कण कण में है खुशियां छाई
हमारी अठखेलियाँ लड़कपन गल्तीयाँ  सब तूने है छिपायी
तुझको पाया तो लगा
खुदा के रूप की नियमत है पायी
दूर कभी जो गयी हो मुझसे
हर पल तेरी बातें तेरी याद ही आयी
कभी ना जाना दूर तु हमसे
हमेशा करना हमारी हौसला अफ्जाई
ये कविता नही तुम्हारे काबिल
पर शायद इसको पढ़ कर तेरे चेहरे पर मुस्कान है छाई
दुनिया की सबसे बेहतरीन माँ  को समर्पित......... 😍😘

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