Wednesday 15 July 2015

****************एक गुजारिश*********************

एक गुजारिश मेरी ऐसी कभी ना पुरी होने जैसी
छोटे बच्चों की कुछ जिद के जैसी
माँ की अंधी ममता जैसी
पल मे बिगड़े पल मे रूठे
कोई अल्हड़ जवानी जैसी
एक गुजारिश मेरी ऐसी कभी ना पुरी होने जैसी
हमने सोचा जीत ले जग को
पर कभी ना पूरी होने जैसी
बार बार कोशिश करते है
फ़िर दम भरते आगे बढ़ते है
लगता है ये मुश्किल थोड़ी
पर है ये बिल्कुल सपनो जैसी
एक गुजारिश मेरी ऐसी कभी ना पुरी होने जैसी
मंदिर मंदिर माथा टेका
कर दो भगवन ख्वाहिश पूरी
पर दिल से आवाज़ ये आयी
मत माँगो ये ख्वाहिश ऐसी
प्रयत्न करो म्रग तृष्णा तोड़ो
नही है कोई है कोई ख्वाहिश ऐसी
कभी ना पुरी होने जैसी
नही है कोई है कोई ख्वाहिश ऐसी
कभी ना पुरी होने जैसी

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