Sunday 11 August 2019

एक अजनबी हसीना से

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एक अंजनबी हसीना से ...
झील सी आंखों मे उसकी डूब के यूँ रह गया
 जुल्फों के साए में कहीं खो गया
झीलजैसे चेहरे पर चंदिनी का पहरा हो जैसे हो कोई गजल
एक अंजनबी हसीना से ...
उसकी आंखें में कशिश जाने थी किस बात की
लुटा मेरा, दिलऔर चैन ओ करार
उसकी हंसी और उसकी अदा को करता रहुँ यूँही प्यार हम्म हम्म
 एक अंजनबी हसीना से ...
बात दिल की दिल में है होंठो पे आती नहीं उसको कहुँ क्या कोई बतलाए जानेमन  कहुँ या कहुँ ए हसीना
दिल ना समझ पाए हो हो
एक अंजनबी हसीना से ...।
पास वो आये मेरे चाहे दिल अब ये मेरा
 हो ना जुदा हम फिर कभी मेरे यार
खो जाएबो मुझमेंऔर उस पे हो जाऊं फ़ना  कहता ये दिल बारबार ही हो हो
 एक अंजनबी हसीना से ...

***प्यार का एहसास***

माना हमने प्यार किया , तुमने भी इज़हार किया
हमने प्यार को प्यार दिया
तुमने उस प्यार के एहसास को मार दिया 

***जंगल***

जंगल में रहते हम सारे
नाम हमारे न्यारे प्यारे
शेर हूँ में कहलाता राजा
बंदर को कहते है मामा
बिल्ली मौसी बड़ी सयानी
मछली मांगे हरदम पानी
हाथी सबसे भारी भरकम
साथ रहे सब मिलके हरदम
आप सभी से यही है विनती
ना काटो इन पेड़ों को सब
रह जाने दो जंगल को अब

***यारा तेरी यारी***

यारा तेरी यारी पे जहान वारूं
प्यार से भी प्यारी है बोल क्या करूँ
तू जो नहीं पास तो जहां क्या करूँ
हैरत में खुदा भी की इनका क्या करूँ
सारे दिन की बातें हो तुझसे ही शुरु
और रात के तारे भी मैं तुझपे ही वारूं
 दोस्त आज तो लग जा गले
की हार जीत सब तुझ पे वारूं

***आज़ादी का दिन***

आज़ादी का दिन है आया खुशियां चारों ओर वो  लाया

हमने आशा का दीप जलाया हर घर है तिरंगा लहराया

आज उड़े आज़ाद परिंदे जैसे. वैसे हर एक दिल मुसकाया

पर  वो बेड़ी नज़र ना आती जिसने मेरा दिल दहलाया

आज बेटियों के मान पर अभिमान का ध्वज लहराया

बेटे की है चाह मे किसने बेटी के लहू से नहाया

खेल खिलौने वाले हाथों मे झाडू, हतोडा  किसने थमाया

एक किसान जो देता  अन्न धान्य उसको मजबूर किसने बनाया

क्या आज़ादी के माने ये है महापुरुषों ने क्या ये पाढ पढ़ाया

देकर अपने शीश की भेंट को शहीदों ने. मान बढ़ाया

पर क्या उनके मान को हमने आज कोई सम्मान दिलाया

सोचें इस भरत पर्व पे हम सब हमने क्या खोया और क्या पाया

और करें संकल्प सभी करेंगी अच्छा जो हमे बुज़ुर्गों ने सिखाया

जय हिंद  भारत माता की जय

आज़ादी के इस पवन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामना

तनुजा श्रीवस्तव


***हमनवा***

ओ मेरे हमनवा तुझपे दिल ये निसार
सुन ये धड़कन कह रही है मुझको तुझसे प्यार
दूर कहीं भी हो हम , प्यार रहेगा दरमियान
मोड़के सब तकड़ीरें साथ जुड़ेगा अपना
पास कहीं है ये धड़कन दोनों दिलों के दरमियाँ
साथ कहीं ना छूटेगा है मन में विश्वास

पा के ही रहेंगे मंजिल प्यार की 

***जीवन का श्रृंगार ***

माना कि है प्यार तुझसे जीवन का श्रंगार तुझसे |
तुझको सोचूं तुझको पा लूँ यही कहूं हर बार तुझसे||
फिर क्यूँ मैं इस डर में जीती हो ना जाऊँ दूर मै तुझसे|
क्यूँ है प्यार का एहसास जुदा क्या चाहूँ मैं आखिर तुझसे||
कहीं ना हो अपमान प्यार का यही सोचकर कहती तुझसे|
दे दो मुझको विश्वास प्यार का नहीं मांगती कुछ भी तुझसे||
दूर बहुत हम माना मैंने पास बुला ले कहती तुझसे|
ये दूरी तू और बढ़ा ना यही गुजारिश हरदम तुझसे||
आजा मिलके काट फासले कहती है ये दूरी तुझसे |
हर गम को कर दूर तू मुझसे गले लगा ले आज प्यार से ||

तनुजा 

एक अजनबी हसीना से

 Learn to pronounce एक अंजनबी हसीना से ... झील सी आंखों मे उसकी डूब के यूँ रह गया  जुल्फों के साए में कहीं खो गया झीलजैसे चेहरे पर चं...